नई दिल्ली : पढ़ाई के लिए ब्रिटेन (यूके) जाने वाले विद्यार्थियों को अब स्पाउस वीजा की सुविधा नहीं मिलेगी। यूके सरकार ने अब यह सुविधा बंद कर दी है। इस फैसले से पढ़ाई के लिए यूके जाने वाले विद्यार्थी अपने जीवनसाथी को साथ नहीं ले जा सकेंगे। हालांकि, यह फैसला इस साल सितंबर में जाने वाले विद्यार्थियों पर लागू नहीं होगा। अगले साल जनवरी में जो विद्यार्थी यूके में दाखिला लेंगे, उन पर यह नियम लागू होगा। पहले यूके में स्टडी के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को स्पाउस वीजा भी दिया जाता था। पढ़ाई के बाद छात्र और उसके जीवनसाथी को भी दो साल का वर्क वीजा मिलता था।
पिछले साल अक्तूबर के पहले सप्ताह में यूके की आंतरिक मंत्री सुवेला ब्रेवरमैन ने यह कहकर भारतीय खासकर पंजाबी मूल के विद्यार्थियों में हड़कंप मचा दिया था कि स्पाउस वीजा पर प्रतिबंध लग सकता है, क्योंकि ऐसे बहुत से लोग यूके आ रहे हैं, जिनके पास प्रतिभा नहीं है। इतना ही नहीं, उनके पास कोई तकनीकी शिक्षा भी नहीं है, जिससे यूके को फायदा हो सके। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने जनवरी 2021 में वहां काम करने वालों के लिए कम से कम 25 हजार 600 पाउंड प्रतिवर्ष की आय निर्धारित कर दी थी, लेकिन भारतीय खासकर पंजाब से ऐसे लोग यूके पहुंच गए, जो खेतीबाड़ी के अलावा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में कम पगार पर काम करने लगे। इससे वहां पर सिस्टम गड़बड़ा गया और यूके में राइट टू वर्क पर असर पड़ने लगा। यूके के मूल निवासी कम पगार पर काम करने के लिए मजबूर होने लगे। इससे वहां की सरकार खासा दबाव महसूस कर रही थी।
ब्रिटेन में 2020 में 48,639 भारतीय छात्र पहुंचे थे। 2021 में 55903 व 2022 मार्च तक 200978 लोग यूके में पहुंचे, जिसमें 80 प्रतिशत पंजाब मूल थे। इस साल यह आंकड़ा मार्च 2023 तक दो लाख पार कर गया, जिसमें 85 प्रतिशत विद्यार्थी शादीशुदा थे, जिनका मकसद किसी तरह ब्रिटेन पहुंचना था। वहां जाकर विद्यार्थी के जीवनसाथी कम पगार पर काम धंधे में लग गए।